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लेखनी प्रतियोगिता -20-Jul-2022

ये संसार सुहाना

कितना तेरा कितना मेरा

आ चल इसको छूकर देखें
मखमल सा कोमल भी है
शक्कर सा मीठा भी है
पल भर में ये रंग बदल दे
जैसे ही नजरों को फेरा
इतना तेरा इतना मेरा।

कितने पीढ़ी इससे गुजरे
कितने बिखरे कितने सँवरे
फिर भी इसका रंग निराला 
जितना तेरा उतना मेरा।

सबसे इसका गहरा नाता
मगर पकड़ में किसके आता
हमने तुमने खूब जिया पर
ये उतना बाकी रह जाता
चल साथी अब छोड़ इसे
अब और कोई इसको समझे
ना ये तेरा न ही मेरा ।


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16 Comments

Milind salve

21-Jul-2022 02:27 PM

बहुत खूब

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Anshumandwivedi426

21-Jul-2022 04:18 PM

सादर धन्यवाद

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Punam verma

21-Jul-2022 09:20 AM

Nice

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Anshumandwivedi426

21-Jul-2022 01:03 PM

Thanks

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Abhinav ji

21-Jul-2022 08:48 AM

Nice 👍

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Anshumandwivedi426

21-Jul-2022 01:03 PM

Thanks

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